हृदय रोग से सम्बंधित बीमारिया:-
जैसे हार्ट अटैक आना ( हृदयघात ), हार्टफेल होना, दिल में छेद वाल्व की बीमारी, वाल्व सकरा होना, (RHD/Mitral Stenosis), दिल में पानी भरना,(Pericardial Effusion),Cor-pulmonale,दिल की धड़कन तेज होना या नाड़ी कम चलना ( सभी नाड़ी रोग ),सीने में भारीपन लगना या खिंचाव आना |
श्वॉस संबंधित रोग:-
दमा ( अस्थमा ) , टी. बी., फेफ़ड़ों में पानी भर जाना , निमोनिया , COPD , घबराहट होना, साँस लेने में तकलीफ होना , तेज सांस चलना , सांस उखड़ना , खांसी में खून आना , कंपनियों में काम करने वाले व्यक्तियों को (Occupational Disease) सांस संबंधित तकलीफे होना |
एलर्जी :-
मौसम परिवर्तन , धूल और धुएं के कारण छींके आना , नाक से पानी आना , गले का इन्फेक्शन , शीत और पित्ती उछलना , बार-बार खांसी होना , सांस फूलना |
उदर या पेट रोग संबंधित बीमारियां :-
पीलिया / जॉन्डिस (लीवर पर सूजन ) हिपेटाइटिस A,B,C,D,E, लीवर से संबंधी अन्य बीमारिया , लीवर फेल होना ( Cirrosis of Liver), पेट में पानी भर जाना (Ascites), पेट की टी. बी. , आंतों में सूजन (Colities), पैक्रियाज में सूजन आना , झिल्ली (Spleen)बढ़ जाना , गैस , कब्ज , एसिडिटी , दस्त साफ़ न होना , दस्त बार बार होना , अमीबियारिस , गैस बनना , पेट फूलना , भूख न लगना, लगातार उल्टी होना , हिचकी चलना , कमजोरी बने रहना , वजन घटना , लगातार पेट दर्द होना , खून की उल्टी होना , खट्टी डकार आना।
मस्तिष्क / दिमाग से संबंधित बीमारियां :-
लकवा (पैरालिसिस) रोग , अचानक शरीर का आधा धड़ कमजोर होना / हाथ पैरों में कमजोरी आना , मिर्गी रोग ( Epilepsy) झटके आना , मुँह से झाग आना , बेहोश हो जाना। माइग्रेन , सिरदर्द , चक्कर , उल्टी , चिड़चिड़ापन , आँखों के सामने धुंधला दिखना , नींद न आना , पार्किंस की बीमारी , याददाश्त में कमजोरी आना , सभी प्रकार के मानसिक रोग।
गुर्दा एवं मूत्र रोग से संबंधित बीमारियां :-
किडनी फेल होना , ARF/CRF/CKD. Glomerulonephrities, Nephrotic Syndrome, पेशाब में खून जाना , पेशाब में जलन होना , बार-बार पेशाब आना , बुजुर्ग मरीज में पेशाब रुक जाना, पेशाब छूट जाना , पथरी की बीमारी होना।
बुजुर्गो की समस्या :-
याददाश्त कमजोर होना , भूलने की बीमारी , बहकी बाते करना , पार्किसन डिसीज , हाथ हिलना , तेजी से चलना , हाथ पैर अकड़ जाना , पैरालिसिस की प्रॉब्लम , पेशाब रुक जाना , पेशाब बार बार जाना , पेशाब में जलन होना , पेशाब छूट जाना , पेशाब पर कंट्रोल नहीं होना , पेशाब में ताकत लगाना , बुजुर्गो में पानी व नमक की कमी होना, सांस लेने में तकलीफ होना , बहुत कमजोरी होना।
जोड़ों से संबंधित बीमारियां :-
गठिया बाय (RA), आस्टियो आर्थराइटिस , साइटिका , स्लिप डिस्क , फ्रोजन शोल्डर , स्पॉन्डियोलाइटिस, गर्दन , कमर और घुटने का पुराना दर्द , हाथ पैरों में खिंचाव आना , हाथ पैरों में झुनझुनी आना , हाथ-पैर में सूजन आना।
चर्म रोग :-
दाद, खाज, खुजली, फोड़े-फुंसी, सफ़ेद दाग, ददोडे, फंगस, कुष्ट रोग,भभूति, मकड़ी,पिम्पल के दाग, डार्क सर्कल, स्ट्रेच मार्क, बाल उढ़ना, बाल झड़ना, बालों का असमय सफ़ेद होना, रुसी, डेंड्रफ, बाल सूखे व पतले होना, गंजापन, सोराइसिस, नाख़ून की समस्या, कील मुहांसे निकलना, आँखों के आस-पास काले दाग, मुंह के अंदर और जीभ की बीमारियां, पैर फटना, दवा का रिएक्शन (Drug Reaction).
गुप्त रोग :-
स्त्री और पुरुषों में होने वाले सभी गुप्त रोग, नामर्दी, संतान का ना होना, शुक्राणुओं की कमी, स्वप्न दोष, शीघ्र पतन, पेशाब के साथ धात जाना, सहवास की अक्षमता(हस्तमैथुन के कारण लिंग का शिथिल होना, लिंग में तनाव न आना), सिफलिस, गोनोरिया, स्नायु दुर्बलता |
गर्भवती महिलाओ के रोग :-
गर्भवती महिलाओं में हाई बी.पी. होना (Eclampsia/Preeclampsia), गर्भावस्था में डायबिटीज (GDM), प्रेगनेंसी में बार बार उल्टी आना, गर्भवती महिलाओं में पीलिया होना, गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होना, गर्भवती महिलाओं में वॉल्व की बीमारी(RHD) होना, गर्भवस्था में झटके व मिर्गी के दौरा पड़ना |
स्त्री रोग :-
महिलाओं में लो बी. पी. होना स्तन में गठान व दर्द होना, मासिक धर्म या महावारी में अनियमितता (PCOS), महिलाओं या लड़कियों में दाढ़ी- मूंछ निकलना, कील मुंहासे निकलना, मेनोपोस-महिलाओ में घबराहट, अत्यधिक पसीना आना, नींद ना आना, बैचेन रहना, गुप्तांग में सूखापन रहना, चमड़ी में रूखापन रहना, चिड़चिड़ापन रहना, महिलाओं में पेशाब पर कंट्रोल न होना, पेशाब छूट जाना |
बच्चों से सम्बंधित बीमारियां :-
बच्चों में साँस की तकलीफ होना, अस्थमा(दमा), टी. बी. बार बार टॉनसील होना, बच्चों में डायबिटीज (शुगर) होना, थॉयराइड, Addisons Disease, Cushing Syndrome, Acromegaly, Cretinism, बच्चों का वजन न बढ़ना, बार-बार बीमार होना, पेट दर्द होना, बच्चों में लगातार सिर में दर्द रहना (माईग्रेन) |
एंडोक्राइन ग्लैंड/हार्मोनल डिसऑर्डर :-
मधुमेह(डायबिटीज, शुगर), थायराइड, घेंघा/ गवाइटर (Hyperthyroidism/Hypothyroidism), मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, Cushing Syndrome Acromegaly, Addisons Disease.
नशा(Addiction) :-
तम्बाकू , बीड़ी , सिगरेट , गुटका ,पाउच , सुपारी और मिट्टी खाने की आदत को ग्यारंटी से छुड़ाना , अल्कोहल , शराब के नशे की लत छुड़ाना। तम्बाकू , बीड़ी, सिगरेट और शराब के नशे से होने वाली बीमारियों का इलाज किया जाता है।
पॉयजनिंग ( Poisoing) :-
सभी तरह के जहर का इलाज किया जाता है जैसे – कीटनाशक / सोयाबीन में छिड़कने की दवा खा लेना , चूहा मार दवा खा लेना , सांप बिच्छू , दिवड के काटने से शरीर में फैलने वाले जहर का इलाज।
हिमेटोलॉजी / खून से संबंधित रोग :-
शरीर में खून कम हो जाना (Anemia), खून नहीं बनना, आयरन डेफीसिएंसी, अनीमिया , मिगेलोब्लासिटक एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया, थेलेसिमिया , हिमोफिलिया , लुकेमिया , तिल्ली की बीमारी ( Spleenomegaly ).